क्या है एक्जिमा, कैसे करें उपचार?
क्या है एक्जिमा, कैसे करें उपचार?
एक्जिमा (Eczema) की समस्या किसी भी व्यक्ति हो सकती है क्योंकि हम सभी को काम की वजह से घर से बाहर रहना पड़ता है और उस दौरान हमें सूरज की तेज़ धूप में रहना पड़ता है। यदि इसका इलाज समय रहते न किया जाए तो यह समय बीतने के साथ यह गंभीर रूप ले सकती है और व्यक्ति को मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ सकती है। हो सकता है कि कुछ लोगों के लिए एक्जिमा बिल्कुल नया शब्द हो और उन्हें इसकी कुछ भी जानकारी न हो। उनके लिए इस बीमारी के प्रति ऐसी रवैया अपनाना घातक हो सकता है क्योंकि एक्जिमा की बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है।
लेकिन, लोगों को इसकी आवश्यक जानकारी होना बहुत जरूरी है ताकि वे इसके प्रति सर्तक रह सकें और यदि उन्हें यह बीमारी हो जाती है तो उस समय वे इसका इलाज सही तरीके से करा सकें। यदि आप भी ऐसे ही लोगों में शामिल हैं, तो आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इसमें हमने एक्जिमा से संबंधित आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है।
क्या है एक्जिमा?
एक्जिमा को अटॉपिक डर्मेटाइटिस के नाम से भी जाना जाता है, जिसका तात्पर्य ऐसी स्थिति से है, जिसमें त्वचा पर खुजली और लाल दब्बे हो जाते हैं। यह समस्या मुख्य रूप से नवजात शिशुओ और बच्चों में ही देखने को मिलती है, जिसका असर उनके चेहरे पर पड़ता है। लेकिन, कई बार यह बीमारी अधिक उम्र के लोगों को भी हो जाती है।
एक्जिमा के लक्षण क्या होते हैं?
यदि किसी व्यक्ति को ये 5 लक्षण नज़र आए, तो उसे तुरंत अपने स्वास्थ की जांच करानी चाहिए क्योंकि उसे एक्जिमा हो सकती है-
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त्वचा पर खुजली होना- यह एक्जिमा का प्रमुख लक्षण है, जिसमें व्यक्ति की त्वचा पर काफी ज्यादा खुजली होती है।
कई बार, यह समस्या इतनी तकलीफदेह हो जाती है, कि व्यक्ति को इसके लिए एंटी-स्पैटिक क्रीम लगानी पड़ती है। -
त्वचा का रूखा पड़ना- कुछ लोगों की त्वचा होने पर एक्जिमा होने पर रूखा हो जाती है और इस स्थिति में उन्हें मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ सकती है।
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त्वचा पर लाल दब्बों का पड़ना- यदि किसी व्यक्ति की त्वचा पर लाल दब्बों हो जाते हैं, तो उसे डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि यह एक्जिमा का कारण बन सकता है।
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मोटी, पपड़ीदार त्वचा का होना- अक्सर, ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगोंं की त्वचा मोटी,पपड़ीदार बन जाती है।
ऐसी स्थिति में उन्हें अपने स्वास्थ की जांच तुरंत करानी चाहिए क्योंकि यह किसी गंभीर बीमारी की दस्तक हो सकती है। -
त्वचा पर निशान का पड़ना- यह एक्जिमा का अन्य लक्षण है, जिसमें व्यक्ति की त्वचा पर निशान पड़ जाते हैं।
यदि इन निशानों का इलाज सही समय पर न किया जाए, तो कुछ समय के ये घाव का रूप भी ले सकते हैं।
एक्जिमा क्यों होती है?
अलग-अलग लोगों में एक्जिमा होने की वजह अलग-अलग होती है, इसके बावजूद एक्जिमा कुछ प्रमुख कारणों से होती है, जो निम्नलिखित हैं-
रोग-प्रतिरोग क्षमता का कमजोर होना- ऐसा माना जाता है कि यदि किसी शख्स की रोग-प्रतिरोग क्षमता (Immune Power) कमजोर होती है, तो उसे कई सारी बीमारियां हो सकती हैं।
यह बात एक्जिमा पर भी लागू होती है क्योंकि यह बीमारी भी कमजोर रोग-प्रतिरोग की वजह से होती है।
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एलर्जी से ग्रस्त होना- एक्जिमा की बीमारी की संभावना उन लोगों में अधिक रहती है, जिन्हें धूल, मिट्ठी, धूप इत्यादि से एलर्जी होती है।
ऐसे लोगों को अपने स्वास्थ का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है और उन्हें इन सभी चीजों से बचना चाहिए। -
अस्थमा का होना- अक्सर, ऐसा भी देखा गया है कि अस्थमा से पीड़ित कुछ लोगों को भी एक्जिमा भी हो जाती है।
ऐसे में यह जरूरी है कि अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति अपने स्वास्थ का विशेष ध्यान रखे और किसी भी तरह की परेशानी होने पर उसकी सूचना डॉक्टर को दे। -
अधिक मात्रा में तनाव लेना- एक्जिमा की बीमारी उन लोगों को भी हो सकती है, जो अधिक मात्रा में तनाव लेते हैं।
अत: हम सभी यह कोशिश करनी चाहिए कि हमें तनाव न हो ताकि हमें कोई बीमारी न हो। -
पौष्टिक भोजन न करना- ऐसा माना जाता है कि हमारे खानपान का हमारे स्वास्थ पर सीधा असर पड़ता है।
ऐसा एक्जिमा के मामले में भी होता है क्योंकि यह बीमारी उस व्यक्ति को भी हो सकती है, जो पौष्टिक भोजन नहीं करता है।
एक्जिमा का इलाज कैसे किया जा सकता है?
यह सवाल हर उस व्यक्ति के लिए मायने रखता है, जो एक्जिमा से पीड़ित होते हैं। चूंकि, उन्हें इस दौरान काफी सारी परेशानियोंं का सामना करना पड़ता है, इसी कारण वे इसके उपचार के बेहतर तरीके की तलाश में रहते हैं। हो सकता है कि अधिकांश लोगों को एक्जिमा और उसके उपचार के संभावित तरीकों की जानकारी न हो और इसी कारण वे इससे निजात न पाएं।
लेकिन, यदि उन्हें यह पता हो कि वे इन 5 तरीकों से एक्जिमा का इलाज कर सकते हैं, तो शायद उनकी ज़िदगी भी बेहतर होती-
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घरेलू नुस्खों को अपनाना- एक्जिमा का इलाज करने का सबसे आसान तरीका है घरेलू नुस्खों को अपनाना है।
इसके लिए ग्रीन टी को पीना, नारियल तेल को लगाना, योगा करना इत्यादि तरीकों को अपनाया जा सकता है। -
पैच टेस्ट को कराना- एक्जिमा का इलाज पैच टेस्ट के द्वारा भी किया जा सकता है।
इस टेस्ट में एलर्जी की जांच की जाती है और इस टेस्ट के परिणामों के आधार पर व्यक्ति का इलाज किया जाता है। -
दवाई का सेवन करना- किसी भी अन्य बीमारी की तरह एक्जिमा को ठीक करने के लिए भी डॉक्टर दवाई देते हैं।
ये दवाइयां शरीर में एक्जिमा को बढ़ने से रोकती हैं और इसके साथ में वे इसे पूरी तरह से समाप्त करने के भी कारगर साबित होती हैं। General Medicines prescribed for Eczema are : -
Tab. Terbucef 250 mg BD -10 days
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Tab Fexofenadine 120 mg HS -7 days
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Xenovet ointment + Eucera cream (Mix both, then apply locally 2 times daily.
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थेरेपी लेना- अक्सर,एक्जिमा का इलाज कुछ थेरेपी जैसे लाइट थेरेपी अथवा फोटो थेरेपी के द्वारा भी किया जाता है।
इन थेरेपी में अल्ट्रावॉलेट किरणों का इस्तेमाल व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए किया जाता है, ताकि वह एक्जिमा का सामना सही तरीके से कर सके। -
दिनचर्या में बदलाव करना- कई बार डॉक्टर एक्जिमा से पीड़ित व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करने जैसे व्यायाम करना, योगा करना, भरपूर नींद लेने इत्यादि करने की सलाह देते हैं।
इस प्रकार, एक्जिमा का इलाज दिनचर्या में सकारात्मक बदलावों के द्वारा भी किया जा सकता है।
एक्जिमा के जोखिम क्या हो सकते हैं?
ऐसा माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति के लिए किसी बीमारी को नज़रअदाज़ करना नुकसानदायक साबित हो सकता है क्योंकि यह कुछ समय के बाद गंभीर रूप ले सकती है। यह बात एक्जिमा पर भी लागू होती है क्योंकि यदि कोई व्यक्ति इसकी इलाज सही समय पर नहीं कराता है तो उसे कुछ जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है, जो इस प्रकार हैं-
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त्वचा संक्रमण का होना- यह एक्जिमा का प्रमुख जोखिम है, जिसमें व्यक्ति की त्वचा संक्रमण हो जाता है।हालांकि, इसका इलाज संभव है लेकिन, यदि यह कुछ समय तक लाइलाज रह जाए तो यह काफी गंभीर समस्या बन सकती है
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त्वचा का लाल पड़ना- कई बार, एक्जिमा का इलाज सही समय पर न किया जाए, तो इससे व्यक्ति की त्वचा का रंग लाल पड़ सकता है।
ऐसी स्थिति में उन्हें मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ सकती है अन्यथा यह उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। -
मेहनत वाले व्यायाम को न कर पाना- चूंकि, एक्जिमा पसीना आने की वजह से भी होती है।
अत: इससे पीड़ित लोगों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे ऐसे कोई व्यायाम न करें जिसमें ज्यादा मेहनत करनी हो। -
त्वचा पर सूजन का होना या घाव का होना- एक्जिमा से पीड़ित कुछ लोगों की त्वचा में सूजन हो जाती है।
इसके अलावा कुछ लोगों की त्वचा पर घाव भी हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति को ये समस्याएं होती हैं, तो उन्हें इसकी सूचना डॉक्टर को देनी चाहिए। -
मज़ाक का पात्र बनना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि एक्जिमा की बीमारी बच्चों में अधिक देखने को मिलती है।
इसी कारण उन्हें कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ता है, जिसका असर उसके मानसिक स्वास्थ पर पड़ता है।
एक्जिमा की रोकथाम कैसे की जाती है?
निश्चित रूप से एक्जिमा का असर व्यक्ति के शारीरिक के साथ-साथ मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इसके अलावा, एक्जिमा से पीड़ित व्यक्ति को कई सारे जोखिमों का भी सामना करना पड़ता है, लेकिन, इन सभी के बावजूद राहत की बात यह है कि किसी भी अन्य बीमारी की तरह एक्जिमा की भी रोकथाम संभव है।
अत: यदि कोई व्यक्ति इन 6 बातों का ध्यान रखता है तो वह एक्जिमा की रोकथाम कर सकता है और इसके साथ में वह स्वयं को यह बीमारी होने की संभावना को भी कम कर सकता है-
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धूप में ज्यादा देर तक बाहर न रहना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि एक्जिमा की समस्या उन लोगों में अधिक होती है, जो धूप में ज्यादा समय बिताते हैं।
अत: सभी लोगों को यह कोशिश करनी चाहिए कि वे अधिक समय में न बताएं और यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो बाहर जाते समय आवश्यक सावधानियां जैसै पूरे कपड़ें पहनना, सनस्क्रीम लगाना इत्यादि को अपनाना चाहिए। -
तनाव न लेना- एक्जिमा का अन्य कारण अधिक तनाव लेना भी है।
अत: सभी लोगों को यह कोशिश करनी चाहिए कि वे तनाव ज्यादा न लें और यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो उन्हें तनाव को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए। -
पौष्टिक भोजन करना- एक्जिमा होने की संभावना उन लोगों में अधिक रहती है, तो सही भोजन नहीं करते हैं।
अत: ऐसे लोगों को पौष्टिक भोजन करना चाहिए ताकि उन्हें एक्जिमा न हो। -
तेज़ गंध वाले पदार्थों से परहेज करना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि एक्जिमा एलर्जी की वजह से भी होती है।
इसी कारण एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति को अपने स्वास्थ का विशेष ध्यान रखना चाहिए और तेज़ गंध वाले पदार्थों से बचाव करना चाहिए ताकि उन्हें एक्जिमा की बीमारी न हो सके। -
मेहनत वाले कामों को न करना- चूंकि, एक्जिमा का संबंध त्वचा से है, ऐसे में जब किसी व्यक्ति की त्वचा में अधिक मात्रा में पसीना आता है, तो फिर उसमें एक्जिमा होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
ऐसे लोगों को ऐसे किसी काम को नहीं करना चाहिए, जिसमें ज्यादा मेहनत लगें क्योंकि इससे उनके शरीर में पसीना आएगा और इसके परिणामस्वरूप वे एक्जिमा के मरीज बन सकते हैं। -
तापमान में होने वाले अचानक बदलावों से बचना- एक्जिमा की बीमारी उस स्थिति में भी हो सकती है, जब कोई व्यक्ति ठंडे तपमान से तुरंत गर्म तापमान में चला जाता है।
इसी कारण किसी भी व्यक्ति को ऐसा नहीं करना चाहिए और यदि तापमान में बदलाव करते समय कुछ समय सामान्य तापमान में बिताना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति का शरीर वातावरण के तापमान के अनुकूल हो जाता है और उसमें किसी भी तरह की बीमारी होने की संभावना भी काफी हद तक कम हो जाती है।
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